लास वेगास - लास वेगास एक ऐसा जोखिमपूर्ण कॉर्पोरेट जुआ शुरू करने की सही जगह लगता है जिससे लाखों छोटे किसानों की आजीविकाएँ नष्ट हो सकती हैं। इस महीने के आरंभ में, अंतरराष्ट्रीय खाद्य कंपनी-समूह कारगिल ने इस शहर के मशहूर भूभाग को एक ऐसा उत्पाद पेश करने के लिए चुना जिसके बारे में उसे उम्मीद है कि यह उसका अगला धाँसू उत्पाद होगा: एवरस्वीट एक ऐसा स्वीटनर है जो "बिल्कुल वैसे मीठे घटकों से बना है जो स्टेविया पौधे में होते हैं।"
और फिर भी, कारगिल द्वारा अपनी प्रचार सामग्री में स्टेविया पर भारी निर्भरता दर्शाने के बावजूद, एवरस्वीट में इस पौधे का एक भी पत्ता शामिल नहीं है। कारगिल का नया उत्पाद सिंथेटिक जीव-विज्ञान का एक उदाहरण है, यह जेनेटिक इंजीनियरिंग का एक रूप है जिसमें उन यौगिकों का निर्माण करने के लिए संशोधित जीवों का उपयोग किया जाता है जिनका उत्पादन कभी भी स्वाभाविक रूप से नहीं होगा। एवरस्वीट में जो मीठा स्वाद है वह स्टेविया का नहीं है; यह जैव-इंजीनियरीकृत खमीर से बनाया गया एक यौगिक है।
सिंथेटिक जीव-विज्ञान उच्च-तकनीक वाला है, और यह उच्च-जोखिम की संभावना वाला भी है। भले ही यह अरबों डॉलर के निवेश को आकर्षित कर रहा है, फिर भी यह बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय है। कारगिल इस विवादास्पद तकनीक का उपयोग करने के बारे में साफ तौर पर कोई प्रचार नहीं करती है; इसके बजाय, यह कंपनी एवरस्वीट का वर्णन "विशेष रूप से तैयार किए गए बेकर के खमीर" के उत्पाद के रूप में करती है, मानो यह खमीर तैयार करने की कोई विधि है जो बवेरियन गांवों में सदियों से चली आ रही है।
इस तरह की जेनेटिक इंजीनियरिंग से बनी खाद्य सामग्रियों से उत्पन्न हो सकनेवाले जोखिमों - जो अन्य प्रकार के ट्रांसजेनिक खाद्य पदार्थों से होनेवाले ज्ञात जोखिमों से भिन्न हैं - के बारे में सही जानकारी अभी भी प्रारंभिक चरण में है। यूरोपीय संघ की वैज्ञानिक समितियों ने हाल ही की एक राय में यह निष्कर्ष निकाला कि हालांकि आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों का मूल्यांकन करने के लिए प्रयुक्त जोखिम मूल्यांकन को कृत्रिम जीव-विज्ञान के पहलुओं पर लागू किया जाना चाहिए, प्रौद्योगिकी की सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए विशिष्ट मामलों में नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता हो सकती है।
और फिर भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें खतरे पहले से ही साफ हैं: देसी स्टेविया का स्थान प्रयोगशाला में विकसित यौगिकों द्वारा ले लिए जाने से होनेवाली आर्थिक क्षति। पराग्वे के गुआरानी स्वदेशी लोग सदियों से इस जड़ी-बूटी को उगाते और इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं। अभी हाल ही में, यह खाद्य उद्योग में एक जुनून बन गया है, जो आंशिक रूप से मोटापे संबंधी मुकदमों के डर से प्रेरित है। चूंकि कोक और पेप्सी जैसे प्रमुख ब्रांड इस बात का आक्रामक तरीके से प्रचार करके स्टेविया से मीठे किए गए कोला पेय बाजार में बेच रहे हैं कि वे प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए हितकारी हैं, इस पौधे के कृषि क्षेत्रफल में बेहताशा वृद्धि हुई है। विश्लेषकों का अनुमान है कि स्टेविया का बाजार 2017 तक $275 मिलियन तक पहुंच जाएगा।
स्टेविया के उत्पादन में विश्व के अग्रणी पैराग्वे, चीन, और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं, और केन्या उनसे थोड़ा ही पीछे है। 2015 के आरंभ में, मैरिएन बैसे ने (ईटीसी समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए) केन्या में स्टेविया के किसानों से यह जानने के लिए मुलाकात की कि कृत्रिम जीव-विज्ञान से प्रतिस्पर्धा का उनके लिए क्या मतलब हो सकता है। वे बहुत चिंतित थे। ऐन नदूता कानिनी, जो आठ बच्चों की विधवा मां हैं, स्टेविया बेचने के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेज पा रही है और उन्हें भोजन दे पा रही है। जब हमने एक दूसरे छोटे किसान पॉल म्वांगी किगा से पूछा कि कारगिल द्वारा कृत्रिम जीव-विज्ञान का उपयोग किए जाने का उसके और उसके पड़ोसियों के लिए क्या मतलब होगा, तो उसने उत्तर दिया कि "उनके कारखानों में स्टेविया पैदा करने से हमारे जीवन बुरी तरह प्रभावित होंगे!"
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इसके अलावा, गरीब किसानों को स्टेविया में निवेश करने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि इसकी खेती से नाज़ुक और अनूठे पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करने में मदद मिल सकती है। वैश्विक आर्थिक फोरम ने प्रमुख वैश्विक जोखिमों के अपने वार्षिक सर्वेक्षण में यह टिप्पणी की कि "उच्च-मूल्य के कृषि निर्यातों के स्थान पर सस्ते, कृत्रिम विकल्पों का आविष्कार ... किसान आय के जिस स्रोत पर निर्भर रहते हैं उस स्रोत को हटा देने से कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को अचानक अस्थिर कर सकता है।"
और इसके लिए केवल स्टेविया के किसानों को ही चिंतित नहीं होना चाहिए। जो सामग्रियाँ प्रतिस्थापित की जा रही हैं या जिन्हें कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से बने उत्पादों से बदले जाने की संभावना है उनमें वेनिला, केसर, नारियल का तेल, पचौली, जैतून स्क्वैलिन और गुलाब का तेल शामिल हैं। दरअसल, दुनिया की सबसे बड़ी सौंदर्य प्रसाधन, स्वाद, और खुशबू कंपनियाँ यह उम्मीद कर रही हैं कि कृत्रिम जीव-विज्ञान से उन्हें 200 से अधिक प्राकृतिक वनस्पतियों के अर्कों को बदलने में मदद मिलेगी। सुगंधित तेल और सुगंधित पदार्थ व्यापार के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ (आईएफईएटी) के अनुसार, इन वनस्पति उत्पादों में से लगभग 95% का उत्पादन छोटे किसानों द्वारा किया जाता है, जिससे दुनिया के कुछ सबसे गरीब समुदायों को अति-आवश्यक नकद आय प्राप्त होती है।
सौभाग्य से, उपभोक्ता कृत्रिम जीव-विज्ञान से उत्पन्न होनेवाले खतरों के बारे में अधिकाधिक जागरूक होते जा रहे हैं, और कंपनियाँ प्रतिक्रिया दिखा रही हैं। इस वर्ष कुछ समय पहले, प्रतिष्ठित आइसक्रीम ब्रांड वाली कंपनी बेन एंड जैरीज़ ने यह वचन दिया कि वह ऐसी किसी भी सामग्री का उपयोग नहीं करेगी जिसका उत्पादन कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से किया गया हो। इसी तरह, हैगन-डाज़्स ने यह पुष्टि की कि वह अपनी आइसक्रीम में कृत्रिम जीव-विज्ञान से तैयार किए गए वेनिला स्वाद का उपयोग नहीं करेगी। और, प्राकृतिक सफाई उत्पादों के ब्रांड ई-कवर पर हजारों-लाखों गुस्साए उपभोक्ताओं ने जब याचिका दायर की, तो उसके बाद कंपनी ने उस प्रयोग को शीघ्र ही वापस ले लिया जिसमें उसने किसी कपड़े धोने के साबुन में कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से निर्मित शैवालयुक्त तेल का उपयोग किया था।
इन उदाहरणों के इक्का-दुक्का बने रहने की संभावना नहीं है। एक अत्यंत प्रभावशाली लेबलिंग संगठन, गैर-जीएमओ प्रोजेक्ट, ने यह नियम बनाया है कि इसकी मुहर वाले 33,000 उत्पादों में कृत्रिम जीव-विज्ञान का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस बीच, यूरोपीय स्टेविया एसोसिएशन (ईयूएसटीएएस) ने यह चिंता जताई है कि एवरस्वीट स्टेविया के सुरक्षित और प्राकृतिक होने की लोकप्रियता को ठेस पहुंचाएगी।
कृत्रिम जीव-विज्ञान पर मंडराते काले बादल शायद कारगिल के चमचमाते उत्पाद के शुरू किए जाने पर दिखाई नहीं भी देते। लेकिन, गरीब किसानों के साथ प्रतिस्पर्धा करके और उपभोक्ताओं को अपनी सामग्री की उत्पत्ति के बारे में गुमराह करके, एवरस्वीट और कृत्रिम जीव-विज्ञान के अन्य उदाहरणों से उत्पाद शृंखला के दोनों सिरों पर कड़वाहट पैदा हो रही है। इसीलिए वेगास में जो हुआ उसे वेगास में ही रहने देना चाहिए।
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Former US President Donald Trump's claim of absolute immunity from prosecution for "official acts" while he was in the White House is breathtaking in scope, as it could include ordering assassinations and coups. While the Supreme Court may not uphold Trump's expansive claim, its ruling will almost certainly give Trump what he wants.
thinks the majority's support for broad immunity for former presidents rests on a dangerous premise.
With cashless transactions rapidly replacing physical cash, central banks have an opportunity to serve the public interest by providing or shaping the infrastructure on which digital-payment systems are built. But to do so effectively, they will have to abandon outdated assumptions and re-imagine their own roles.
explain why policymakers should become more involved in shaping or creating digital-payments infrastructure.
From a long list of criminal indictments to unfavorable voter demographics, there is plenty standing between presumptive GOP nominee Donald Trump and a second term in the White House. But a Trump victory in the November election remains a distinct possibility – and a cause for serious economic concern.
लास वेगास - लास वेगास एक ऐसा जोखिमपूर्ण कॉर्पोरेट जुआ शुरू करने की सही जगह लगता है जिससे लाखों छोटे किसानों की आजीविकाएँ नष्ट हो सकती हैं। इस महीने के आरंभ में, अंतरराष्ट्रीय खाद्य कंपनी-समूह कारगिल ने इस शहर के मशहूर भूभाग को एक ऐसा उत्पाद पेश करने के लिए चुना जिसके बारे में उसे उम्मीद है कि यह उसका अगला धाँसू उत्पाद होगा: एवरस्वीट एक ऐसा स्वीटनर है जो "बिल्कुल वैसे मीठे घटकों से बना है जो स्टेविया पौधे में होते हैं।"
और फिर भी, कारगिल द्वारा अपनी प्रचार सामग्री में स्टेविया पर भारी निर्भरता दर्शाने के बावजूद, एवरस्वीट में इस पौधे का एक भी पत्ता शामिल नहीं है। कारगिल का नया उत्पाद सिंथेटिक जीव-विज्ञान का एक उदाहरण है, यह जेनेटिक इंजीनियरिंग का एक रूप है जिसमें उन यौगिकों का निर्माण करने के लिए संशोधित जीवों का उपयोग किया जाता है जिनका उत्पादन कभी भी स्वाभाविक रूप से नहीं होगा। एवरस्वीट में जो मीठा स्वाद है वह स्टेविया का नहीं है; यह जैव-इंजीनियरीकृत खमीर से बनाया गया एक यौगिक है।
सिंथेटिक जीव-विज्ञान उच्च-तकनीक वाला है, और यह उच्च-जोखिम की संभावना वाला भी है। भले ही यह अरबों डॉलर के निवेश को आकर्षित कर रहा है, फिर भी यह बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय है। कारगिल इस विवादास्पद तकनीक का उपयोग करने के बारे में साफ तौर पर कोई प्रचार नहीं करती है; इसके बजाय, यह कंपनी एवरस्वीट का वर्णन "विशेष रूप से तैयार किए गए बेकर के खमीर" के उत्पाद के रूप में करती है, मानो यह खमीर तैयार करने की कोई विधि है जो बवेरियन गांवों में सदियों से चली आ रही है।
इस तरह की जेनेटिक इंजीनियरिंग से बनी खाद्य सामग्रियों से उत्पन्न हो सकनेवाले जोखिमों - जो अन्य प्रकार के ट्रांसजेनिक खाद्य पदार्थों से होनेवाले ज्ञात जोखिमों से भिन्न हैं - के बारे में सही जानकारी अभी भी प्रारंभिक चरण में है। यूरोपीय संघ की वैज्ञानिक समितियों ने हाल ही की एक राय में यह निष्कर्ष निकाला कि हालांकि आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों का मूल्यांकन करने के लिए प्रयुक्त जोखिम मूल्यांकन को कृत्रिम जीव-विज्ञान के पहलुओं पर लागू किया जाना चाहिए, प्रौद्योगिकी की सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए विशिष्ट मामलों में नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता हो सकती है।
और फिर भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें खतरे पहले से ही साफ हैं: देसी स्टेविया का स्थान प्रयोगशाला में विकसित यौगिकों द्वारा ले लिए जाने से होनेवाली आर्थिक क्षति। पराग्वे के गुआरानी स्वदेशी लोग सदियों से इस जड़ी-बूटी को उगाते और इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं। अभी हाल ही में, यह खाद्य उद्योग में एक जुनून बन गया है, जो आंशिक रूप से मोटापे संबंधी मुकदमों के डर से प्रेरित है। चूंकि कोक और पेप्सी जैसे प्रमुख ब्रांड इस बात का आक्रामक तरीके से प्रचार करके स्टेविया से मीठे किए गए कोला पेय बाजार में बेच रहे हैं कि वे प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए हितकारी हैं, इस पौधे के कृषि क्षेत्रफल में बेहताशा वृद्धि हुई है। विश्लेषकों का अनुमान है कि स्टेविया का बाजार 2017 तक $275 मिलियन तक पहुंच जाएगा।
स्टेविया के उत्पादन में विश्व के अग्रणी पैराग्वे, चीन, और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं, और केन्या उनसे थोड़ा ही पीछे है। 2015 के आरंभ में, मैरिएन बैसे ने (ईटीसी समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए) केन्या में स्टेविया के किसानों से यह जानने के लिए मुलाकात की कि कृत्रिम जीव-विज्ञान से प्रतिस्पर्धा का उनके लिए क्या मतलब हो सकता है। वे बहुत चिंतित थे। ऐन नदूता कानिनी, जो आठ बच्चों की विधवा मां हैं, स्टेविया बेचने के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेज पा रही है और उन्हें भोजन दे पा रही है। जब हमने एक दूसरे छोटे किसान पॉल म्वांगी किगा से पूछा कि कारगिल द्वारा कृत्रिम जीव-विज्ञान का उपयोग किए जाने का उसके और उसके पड़ोसियों के लिए क्या मतलब होगा, तो उसने उत्तर दिया कि "उनके कारखानों में स्टेविया पैदा करने से हमारे जीवन बुरी तरह प्रभावित होंगे!"
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इसके अलावा, गरीब किसानों को स्टेविया में निवेश करने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि इसकी खेती से नाज़ुक और अनूठे पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करने में मदद मिल सकती है। वैश्विक आर्थिक फोरम ने प्रमुख वैश्विक जोखिमों के अपने वार्षिक सर्वेक्षण में यह टिप्पणी की कि "उच्च-मूल्य के कृषि निर्यातों के स्थान पर सस्ते, कृत्रिम विकल्पों का आविष्कार ... किसान आय के जिस स्रोत पर निर्भर रहते हैं उस स्रोत को हटा देने से कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को अचानक अस्थिर कर सकता है।"
और इसके लिए केवल स्टेविया के किसानों को ही चिंतित नहीं होना चाहिए। जो सामग्रियाँ प्रतिस्थापित की जा रही हैं या जिन्हें कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से बने उत्पादों से बदले जाने की संभावना है उनमें वेनिला, केसर, नारियल का तेल, पचौली, जैतून स्क्वैलिन और गुलाब का तेल शामिल हैं। दरअसल, दुनिया की सबसे बड़ी सौंदर्य प्रसाधन, स्वाद, और खुशबू कंपनियाँ यह उम्मीद कर रही हैं कि कृत्रिम जीव-विज्ञान से उन्हें 200 से अधिक प्राकृतिक वनस्पतियों के अर्कों को बदलने में मदद मिलेगी। सुगंधित तेल और सुगंधित पदार्थ व्यापार के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ (आईएफईएटी) के अनुसार, इन वनस्पति उत्पादों में से लगभग 95% का उत्पादन छोटे किसानों द्वारा किया जाता है, जिससे दुनिया के कुछ सबसे गरीब समुदायों को अति-आवश्यक नकद आय प्राप्त होती है।
सौभाग्य से, उपभोक्ता कृत्रिम जीव-विज्ञान से उत्पन्न होनेवाले खतरों के बारे में अधिकाधिक जागरूक होते जा रहे हैं, और कंपनियाँ प्रतिक्रिया दिखा रही हैं। इस वर्ष कुछ समय पहले, प्रतिष्ठित आइसक्रीम ब्रांड वाली कंपनी बेन एंड जैरीज़ ने यह वचन दिया कि वह ऐसी किसी भी सामग्री का उपयोग नहीं करेगी जिसका उत्पादन कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से किया गया हो। इसी तरह, हैगन-डाज़्स ने यह पुष्टि की कि वह अपनी आइसक्रीम में कृत्रिम जीव-विज्ञान से तैयार किए गए वेनिला स्वाद का उपयोग नहीं करेगी। और, प्राकृतिक सफाई उत्पादों के ब्रांड ई-कवर पर हजारों-लाखों गुस्साए उपभोक्ताओं ने जब याचिका दायर की, तो उसके बाद कंपनी ने उस प्रयोग को शीघ्र ही वापस ले लिया जिसमें उसने किसी कपड़े धोने के साबुन में कृत्रिम जीव-विज्ञान के माध्यम से निर्मित शैवालयुक्त तेल का उपयोग किया था।
इन उदाहरणों के इक्का-दुक्का बने रहने की संभावना नहीं है। एक अत्यंत प्रभावशाली लेबलिंग संगठन, गैर-जीएमओ प्रोजेक्ट, ने यह नियम बनाया है कि इसकी मुहर वाले 33,000 उत्पादों में कृत्रिम जीव-विज्ञान का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस बीच, यूरोपीय स्टेविया एसोसिएशन (ईयूएसटीएएस) ने यह चिंता जताई है कि एवरस्वीट स्टेविया के सुरक्षित और प्राकृतिक होने की लोकप्रियता को ठेस पहुंचाएगी।
कृत्रिम जीव-विज्ञान पर मंडराते काले बादल शायद कारगिल के चमचमाते उत्पाद के शुरू किए जाने पर दिखाई नहीं भी देते। लेकिन, गरीब किसानों के साथ प्रतिस्पर्धा करके और उपभोक्ताओं को अपनी सामग्री की उत्पत्ति के बारे में गुमराह करके, एवरस्वीट और कृत्रिम जीव-विज्ञान के अन्य उदाहरणों से उत्पाद शृंखला के दोनों सिरों पर कड़वाहट पैदा हो रही है। इसीलिए वेगास में जो हुआ उसे वेगास में ही रहने देना चाहिए।