संपन्नता का असली कच्चा माल

तिराना. गरीब देश कच्चे माल यथा कोको, लौह अयस्क और कच्चे हीरों का निर्यात करते हैं. अमीर देश अकसर उन्हीं गरीब देशों को अधिक जटिल उत्पादों जैसे कि चॉकलेट, कार और आभूषणों का निर्यात करते हैं. यदि गरीब देशों को अमीर बनना है तो उन्हें अपने संसाधनों का कच्चे माल के रूप में निर्यात रोकना होगा और उनके मूल्य संवर्द्घन पर ध्यान केंद्रित करना होगा. अन्यथा अमीर देश मूल्य और सभी अच्छी नौकरियों के बड़े भाग को यूं ही हड़पते रहेंगे.

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